NRE और NRO खाते क्या होते हैं?
इसे इस तरह समझिए कि अगर आपके पापा, भाई या कोई अन्य रिश्तेदार भारत से बाहर विदेश में रहते हैं और वहाँ से पैसे भेजते हैं, अब उन्हें पैसे रखने के लिए इंडिया में एक बैंक अकाउंट चाहिए। ऐसे में दो तरह के अकाउंट होते हैं:
- NRE अकाउंट (Non-Resident External) : इसका मतलब है “बाहर से भारत में भेजे गए पैसे के लिए अकाउंट”।
- इसमें सिर्फ विदेशी कमाई वाला पैसा रखा जा सकता है।
- पैसा विदेश से भारत में भेजा जाता है, और वो रुपयों में कन्वर्ट हो जाता है।
- इसमें रखा पैसा और ब्याज टैक्स फ्री होता है।
- इस पैसे को वापस विदेश भेज सकते हैं (Repatriable)।
- रुपए की वैल्यू गिरती है तो नुकसान हो सकता है।
2. NRO अकाउंट (Non-Resident Ordinary): इसका मतलब है “भारत में जो आमदनी होती है, उसके लिए अकाउंट”।
- इसमें भारत की कमाई जैसे किराया, पेंशन, डिविडेंड वगैरह रखा जा सकता है।
- इसमें रखा पैसा टैक्स के दायरे में आता है।
- इस पैसे को भी कुछ हद तक विदेश भेज सकते हैं (Repatriable up to $1 million/year)।
- ये अकाउंट रुपये में ही चलता है।
NRI कौन होता है?
NRI (Non-Resident Indian) वो भारतीय है जो भारत से बाहर 183 दिन से ज़्यादा विदेश में रहता है, या फेमा (FEMA) के अनुसार जिसका मकसद भारत में स्थायी रूप से नहीं रहना है, जैसे नौकरी, बिजनेस या पढ़ाई के लिए विदेश जाना। जब कोई NRI बन जाता है, तब भारत में उसके लिए कुछ स्पेशल बैंक अकाउंट्स की जरूरत होती है, जो RBI और FEMA के नियमों के तहत आते हैं।
NRE अकाउंट – Non-Resident External Account , उद्देश्य: विदेश से भारत में भेजे गए पैसों को रखने के लिए।
एनआरई खाता निम्नलिखित प्रकार का हो सकता है:
- Saving
- Current
- Fixed Deposit
- Recurring Deposit
खास बातें:
विशेषता | विवरण |
पैसा कहाँ से आता है? | केवल विदेश से NRI के अपने नाम से |
मुद्रा (Currency) | विदेशी मुद्रा को भारतीय रुपये में कन्वर्ट किया जाता है |
टैक्स | NRE में रखा पैसा और ब्याज पूरी तरह टैक्स–फ्री होता है |
पैसा बाहर भेजना (Repatriation) | 100% Allowed – Principal + Interest |
जोइन्ट अकाउंट | केवल एक और NRI के साथ |
भारतीय आमदनी (जैसे किराया, पेंशन)? | ❌ Allowed नहीं है |
उदाहरण:
जैसे अगर आपका कोई रिश्तेदार दुबई में नौकरी कर रहा है और हर महीने ₹50,000 भारत में भेजता है, तो ये पैसा NRE अकाउंट में जाएगा। उसे ब्याज भी मिलेगा और वो पैसा दुबई में वापस भी भेज सकता है।
NRO अकाउंट – Non-Resident Ordinary Account, उद्देश्य: भारत में जो भी कमाई हो, जैसे किराया, डिविडेंड, पेंशन, ब्याज इत्यादि – उसे रखने के लिए।
NRO खाता निम्नलिखित प्रकार का हो सकता है
- Saving
- Current
- Fixed Deposit
- Recurring Deposit
खास बातें:
विशेषता | विवरण |
पैसा कहाँ से आता है? | भारत में कमाई – किराया, FD ब्याज, म्यूचुअल फंड डिविडेंड |
मुद्रा | केवल भारतीय रुपया |
टैक्स | ब्याज पर 30% + surcharge + cess टैक्स लगता है (TDS कटता है) |
पैसा बाहर भेजना | Allowed है, लेकिन $1 million/year की लिमिट |
जोइन्ट अकाउंट | NRI + Resident Indian (जैसे माता-पिता) के साथ भी Allowed |
भारत की कमाई? | हाँ, Allowed है |
उदाहरण:
अगर एक NRI के पास भारत में फ्लैट है और उसे ₹20,000 किराया मिल रहा है, तो यह पैसा NRO अकाउंट में जमा होगा।
उस पर TDS कटेगा (30%) और फिर वो चाहें तो कुछ लिमिट में वो पैसा विदेश भेज सकते हैं।
तुलना चार्ट: (NRE vs NRO)
विषय | 🟢 NRE अकाउंट | 🔴 NRO अकाउंट |
पैसा कहाँ से आता है? | विदेश से | भारत की कमाई |
टैक्स लगता है? | ❌ नहीं | ✅ हाँ (30% TDS) |
पैसा विदेश भेज सकते हैं? | ✅ पूरी रकम | ✅ $1 million/year |
अकाउंट की मुद्रा | भारतीय रुपया (कन्वर्टेड) | भारतीय रुपया |
जोइन्ट अकाउंट | केवल NRI के साथ | NRI + भारतीय निवासी |
भारत की कमाई Allowed? | ❌ नहीं | ✅ हाँ |
ब्याज पर टैक्स | टैक्स फ्री | टैक्सेबल |
ट्रांसफरबिलिटी | फुली Repatriable | लिमिटेड Repatriable |
NRE और NRO accounts मे लागू होने वाले नियम और कानून
FEMA (Foreign Exchange Management Act):
- ये कानून तय करता है कि NRI भारत में पैसे कैसे ला सकता है और कैसे ले जा सकता है।
- NRE/NRO अकाउंट्स FEMA के नियमों के तहत चलते हैं।
इनकम टैक्स ऐक्ट:
- NRE अकाउंट की ब्याज इनकम धारा 10(4) के तहत टैक्स फ्री है।
- NRO अकाउंट की ब्याज इनकम पूरी तरह टैक्सेबल है – TDS 30% + surcharge
NRE/NRO अकाउंट खुलवाने के लिए दस्तावेज़:
- पासपोर्ट की कॉपी (विदेशी वीज़ा के साथ)
- भारतीय पते का प्रमाण (या विदेशी पता)
- PAN कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- NRI डिक्लेरेशन फॉर्म (Self-declared)
- विदेश से फंड ट्रांसफर प्रूफ (SWIFT copy, etc.)
कुछ आम सवाल:
1. क्या मैं NRE और NRO दोनों अकाउंट रख सकता हूँ?
✔️ हाँ, एक NRI दोनों अकाउंट रख सकता है – अलग-अलग कामों के लिए।
2. क्या NRE से पैसा NRO में ट्रांसफर कर सकते हैं?
✔️ हाँ, Allowed है।
3. क्या NRO से NRE में ट्रांसफर Allowed है?
❌ नहीं, Generally Allowed नहीं है, क्योंकि NRO टैक्सेबल पैसा है।
NRE अकाउंट फुल टैक्स बचत का तरीका है – इसलिए FDs बनाना बहुत फायदेमंद है। NRO अकाउंट में टैक्स लगता है, लेकिन अगर भारत में 60 साल से ज़्यादा उम्र हो (senior citizen), तो कुछ Tax Benefit ले सकते हैं। अगर आपकी इनकम कम है, तो Form 15CA/CB और 15G/H भरकर TDS से बच सकते हैं (subject to conditions). Double Taxation Avoidance Agreement (DTAA) की मदद से NRO में कटे टैक्स पर रिफंड क्लेम कर सकते हैं (अगर विदेश में भी टैक्स दे रहे हैं)। कुछ बैंकों में Repatriation करने की प्रक्रिया मुश्किल होती है – इसलिए हमेशा बड़े बैंक (SBI, ICICI, HDFC) चुनें।
निष्कर्ष (Summary):
आप क्या करना चाहते हैं? | कौन सा अकाउंट चुनें? |
विदेश की सैलरी, पैसा भारत भेजना | ✅ NRE |
भारत में किराया, ब्याज, डिविडेंड रखना | ✅ NRO |
टैक्स से बचना चाहते हैं | ✅ NRE |
भारत में परिवार को पैसा देना है | ✅ दोनों काम में आ सकते हैं |
NRI होने के लिए 183 दिन का नियम आता कहाँ से है?
यह नियम दो बड़े कानूनों से आता है:
- इनकम टैक्स ऐक्ट, 1961 (Income Tax Act)
- FEMA – Foreign Exchange Management Act, 1999
दोनों के हिसाब से “आप NRI हो या नहीं”, इसका आधार है कि आप भारत में एक वित्तीय वर्ष (1 अप्रैल से 31 मार्च) के बीच कितने दिन रहे।
183 दिन का मतलब क्या है?
अगर कोई व्यक्ति भारत में एक फाइनेंशियल ईयर में 183 दिन या उससे ज़्यादा समय बिताता है, तो उसे “Resident Indian” माना जाता है। अगर आप भारत में 183 दिन से कम रह रहे हैं, तो आप Non-Resident (NRI) माने जाते हैं।
अब समझिए दोनों कानूनों के अनुसार:
Income Tax Act (Tax के लिए NRI की परिभाषा):
एक व्यक्ति को Resident Indian तब माना जाएगा जब: वो 183 दिन या ज़्यादा भारत में रहा हो, या वो पिछले 4 सालों में भारत में 365 दिन से ज़्यादा रहा हो और उस साल 60 दिन से ज़्यादा रहा हो। अगर इन शर्तों को पूरा नहीं करता, तो वो Non-Resident (NRI) माना जाएगा। यह नियम इसलिए है ताकि सरकार ये तय कर सके कि कौन व्यक्ति भारत में अपनी इनकम पर टैक्स देगा।
FEMA (बैंकिंग और निवेश के लिए NRI की परिभाषा)
अगर कोई व्यक्ति भारत से बाहर job, business, education या किसी और मकसद से गया है और वापस आने का इरादा नहीं है, तो उसे NRI माना जाएगा, चाहे वो 183 दिन भारत में रहा हो या नहीं। यानी FEMA में “intention” (इरादा) भी देखा जाता है – सिर्फ दिन नहीं।
ये नियम इसलिए है ताकि NRI को भारत में विदेशी मुद्रा से जुड़ी सुविधाएं दी जा सकें, जैसे:
- NRE/NRO अकाउंट खोलना
- निवेश करना (FD, Mutual Fund)
- पैसे भेजना और लाना (Repatriation)
अब सवाल उठता है: 183 ही क्यों? 180, 200 क्यों नहीं? इसका जवाब है कि 183 दिन = आधे साल से थोड़ा ज़्यादा।
क्यों?
- एक साल में 365 दिन होते हैं।
- 365 का आधा = 182.5 दिन
तो 183 दिन = आधे से ज्यादा साल।
इसका मतलब है: अगर आप आधे साल से ज्यादा भारत में रह रहे हैं, तो भारत आपको Resident मानेगाइससे सरकार को पता चलता है कि आपकी इकोनॉमिक कनेक्शन (आर्थिक संबंध) भारत से ज्यादा है या विदेश से।
इस नियम का उपयोग कहां होता है?
क्षेत्र | कैसे उपयोग होता है? |
💰 Income Tax | कौन भारत में टैक्स देगा |
🏦 Bank Account | आप NRE/NRO खोल सकते हैं या नहीं |
📜 PAN Card और Aadhaar | लिंक जरूरी है या नहीं |
💼 नौकरी/विदेशी निवेश | NRI Status से जुड़ी eligibility |
🏘️ भारत में संपत्ति खरीद | NRI के अधिकार |
अगर कोई गलत Status बताता है?
अगर आप गलत तरीके से Resident बनकर भारत में अकाउंट खोलते हो, या टैक्स नहीं देते, तो:
- Penalty लग सकती है
- FEMA Violation Case बन सकता है
- Bank Account Freeze हो सकता है
- IT Department से Notice आ सकता है
निष्कर्ष (Summary):
सवाल | जवाब |
183 दिन का मतलब? | आधे साल से ज़्यादा भारत में रहना |
इसका नियम क्यों है? | तय करने के लिए कि आप NRI हो या Resident |
किस कानून में है? | Income Tax Act और FEMA दोनों में |
इससे क्या तय होता है? | टैक्स देना है या नहीं, कौन सा बैंक अकाउंट खोलना है, NRI राइट्स |
अगर 183 से कम दिन रहो तो? | आप NRI हो — टैक्स और बैंकिंग में अलग नियम लगेंगे |
“अगर कोई सिर्फ पढ़ाई (study) के लिए विदेश जाता है और उसे वापस आना है, तो क्या वो NRI कहलाएगा?”
क्योंकि “इरादा” तो वापस आने का है? सबसे पहले — NRI की असली परिभाषा कहां से आती है? दो कानून NRI को अलग-अलग तरीके से परिभाषित करते हैं:
- Income Tax Act, 1961 – टैक्स के लिए
- FEMA (Foreign Exchange Management Act), 1999 – बैंकिंग, निवेश और विदेशी लेन-देन के लिए
अब सबसे जरूरी बात: दोनों कानूनों में “NRI” की परिभाषा अलग-अलग होती है। अगर कोई पढ़ाई के लिए विदेश गया है, तो क्या वो NRI है
FEMA के अनुसार – हाँ, वह NRI है, ❝ FEMA कहता है: ❞
कोई भी व्यक्ति जो
- भारत से बाहर चला गया हो
- पढ़ाई, नौकरी, बिज़नेस या किसी दूसरे मकसद से
- और जो भारत में स्थायी रूप से “नहीं रह रहा“ है
उसे **”NRI” माना जाएगा।
यानी अगर आप पढ़ाई (Education Purpose) से बाहर गए हैं,
- और आपकी residential stay विदेश में है,
- आप विदेशी मुद्रा खर्च कर रहे हैं,
- आप भारत में 183 दिन से कम रह रहे हैं,
तो आप FEMA के अनुसार NRI हैं।
इसलिए:
- आप NRE या NRO अकाउंट खोल सकते हैं
- विदेश से पैसा भारत भेज सकते हैं (repatriate)
- भारत में FD/म्यूचुअल फंड/प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं (कुछ लिमिट के साथ)
लेकिन… Income Tax Act क्या कहता है?
Income Tax Act में NRI की परिभाषा “दैनिक गिनती” (number of days in India) पर निर्भर है, ना कि मकसद पर। अगर आप एक फाइनेंशियल ईयर में 183 दिन से कम भारत में रहे तो आप Non-Resident हो। इसका मतलब: अगर आप विदेश पढ़ने गए हैं और उस साल 183 दिन भारत में नहीं रहे, तो आप Tax के लिए NRI माने जाओगे।
तो Student Abroad = NRI? Yes – दोनों मामलों में हाँ, अगर ये शर्तें पूरी हों:
कानून | शर्त | Student NRI है? |
FEMA | विदेश में रहना + मकसद (जैसे पढ़ाई) | ✅ हाँ |
Income Tax Act | भारत में 183 दिन से कम रहना | ✅ हाँ (अगर भारत में 183 दिन से कम रहे हों) |
Example:
मान लो अ नाम का लड़का अप्रैल 2025 में UK पढ़ाई के लिए चला गया।
- वो मार्च 2026 तक वापस नहीं आया।
- उसने भारत में सिर्फ 20 दिन बिताए।
Analysis:
पहलू | परिणाम |
भारत में 20 दिन रहे | ❌ 183 दिन नहीं हुए |
मकसद: पढ़ाई | ✅ FEMA में Allowed |
पैसे विदेश से आ रहे | ✅ NRE/NRO Allowed |
टैक्स स्टेटस | ❌ Resident नहीं, बल्कि NRI |
तो ऐसे छात्र को NRI माना जाएगा, चाहे वो आगे चलकर वापस भारत लौटे।
क्यों Student को NRI माना जाता है?
- वह भारत में स्थायी रूप से नहीं रह रहा, भले ही मकसद पढ़ाई हो।
- उसकी कमाई / फंडिंग / खर्च विदेशी सिस्टम से जुड़ी होती है।
- वह भारत में नियमित टैक्सपेयिंग/रहवासी नागरिक नहीं है।
- विदेश में रहने से उसका रेसिडेंशियल स्टेटस बदल जाता है।
Extra Point – “Intention to Return” का मतलब क्या होता है?
FEMA के तहत:
अगर आपकी विदेश यात्रा लंबे समय के लिए है, और आप भारत में स्थायी रूप से नहीं रह रहे, तो आप NRI हैं –
चाहे आप पढ़ाई के बाद लौटने का इरादा ही क्यों ना रखते हों। “इरादा वापस आने का” = Long-Term इरादा नहीं है जब तक आप वापस ना आ जाएँ। इरादा “कभी वापस आऊंगा” एक वाजिब कारण नहीं है Resident बने रहने के लिए।
डॉक्युमेंट्स से भी साबित होता है:
- विदेश में पढ़ने वाला छात्र अगर Visa, admission letter, residence proof दिखा दे, तो बैंक उसे NRI मानकर NRE/NRO अकाउंट खोल देता है।
- RBI और FEMA दोनों ने इसे स्वीकार किया है।
निष्कर्ष (Summary):
सवाल | जवाब |
क्या स्टूडेंट NRI हो सकता है? | ✅ हाँ, अगर विदेश में रह रहा हो और भारत में 183 दिन से कम |
क्या NRE/NRO अकाउंट खोल सकता है? | ✅ हाँ |
क्या उस पर टैक्स लगेगा? | ✅ नहीं, अगर NRI टैक्स स्टेटस में है |
क्या उसे वापस आने पर रेसिडेंट माना जाएगा? | ✅ हाँ, जब वो भारत में 183+ दिन रहने लगे |
“अगर अकाउंट NRI के लिए है, तो नाम NRI अकाउंट क्यों नहीं रखा गया?”
क्यों NRE और NRO नाम रखे गए?
क्योंकि सिर्फ “NRI Account” कहना काफी नहीं होता। NRI कौन है ये तो स्टेटस है — लेकिन NRI पैसा कहां से ला रहा है, ये महत्वपूर्ण बात है।
इसलिए RBI और FEMA ने दो नाम तय किए:
1. NRE – External Account
“External” का मतलब – बाहरी (विदेश से आने वाला पैसा), यानी इस अकाउंट में जो पैसा आ रहा है, वह भारत के बाहर से कमाया गया है, और भारत में भेजा जा रहा है।
- यह पैसा Repatriable होता है – यानी वापस विदेश भी भेज सकते हैं
- इसमें टैक्स नहीं लगता – क्योंकि पैसा भारत में कमाया नहीं गया
- RBI को यह बताना होता है कि पैसा बाहर से है (External Source)
इसलिए नाम है: Non-Resident External (NRE)
2. NRO – Ordinary Account
“Ordinary” का मतलब – आम/सामान्य भारत की आमदनी, यानी इस अकाउंट में जो पैसा आता है, वह भारत की कमाई से आया है:
- किराया
- ब्याज
- पेंशन
- डिविडेंड
- भारतीय बिजनेस की इनकम
इस पर टैक्स लगता है, पैसा पूरी तरह विदेश नहीं भेज सकते।
इसलिए नाम है: Non-Resident Ordinary (NRO)
अगर सिर्फ “NRI Account” कहा जाता तो क्या दिक्कत होती?
दिक्कत | कारण |
टैक्स का फर्क समझ नहीं आता | NRE टैक्स फ्री, NRO टैक्सेबल |
पैसा कहां से आया, साफ नहीं होता | बाहर से (NRE) या भारत से (NRO)? |
Repatriation का Status unclear रहता | NRE – पूरा बाहर भेज सकते हैं, NRO – लिमिटेड |
अकाउंट के नियम और सुविधाएँ अलग होतीं | और कन्फ्यूजन होता |
इसलिए RBI ने यह दो “Function-Based Naming” बनाई — जो सिर्फ NRI के नाम पर नहीं, बल्कि पैसे के स्रोत पर आधारित है।
यह नाम किसने तय किया?
यह नामकरण किया गया RBI (Reserve Bank of India) और FEMA (Foreign Exchange Management Act, 1999) के नियमों के तहत।
- पहले “NRI Account” नाम प्रचलन में था
- लेकिन 1990 के दशक के बाद RBI ने पैसा के स्रोत पर ज़ोर दिया
- फिर NRE/NRO नाम की टर्मिनोलॉजी फिक्स कर दी गई
“जब NRE/NRO नहीं था और सिर्फ NRI शब्द का उपयोग होता था, तब हम NRI अकाउंट के टाइप कैसे पहचानते थे?”
इतिहास में चलें – 1970s से पहले
उस दौर में:
- भारत में “विदेश से पैसा लाने” की बहुत ज़रूरत थी
- बड़ी संख्या में भारतीय खाड़ी देशों (Middle East), UK, USA, etc. में नौकरी के लिए जा रहे थे
- तब उन्हें भारत में एक सिंपल बैंक अकाउंट की ज़रूरत थी जहां वे अपनी कमाई भेज सकें
उस समय RBI ने क्या किया? RBI ने एक सिंपल नाम दिया: “NRI Account” — यानी “Non-Resident Indian के लिए अकाउंट” लेकिन… इसमें पैसे का स्रोत, टैक्स स्टेटस, ट्रांसफर राइट्स सब क्लियर नहीं था।
समस्या क्या हुई थी?
समस्या | क्यों? |
पैसा विदेश से है या भारत से – पता नहीं चलता था | क्योंकि नाम एक ही था |
टैक्स फ्री है या नहीं – unclear | भारत की इनकम टैक्सेबल होती है |
पैसा बाहर भेज सकते हैं या नहीं | अलग नियम थे लेकिन नाम से फर्क नहीं दिखता था |
RBI और बैंक दोनों confused रहते थे | अकाउंट टाइप को लेकर पारदर्शिता नहीं थी |
तभी क्या हुआ?
1980s और 1990s में जब:
- विदेशी निवेश और डॉलर इनफ्लो बढ़ा
- NRI की संख्या तेज़ी से बढ़ी
- भारत को विदेशी मुद्रा बचाने और टैक्स सिस्टम सुधारने की जरूरत पड़ी
तो RBI और भारत सरकार ने: NRI को सिर्फ एक नाम से नहीं, बल्कि उसके पैसे के स्रोत और भारत से संबंध के आधार पर अलग-अलग कैटेगरी में बांट दिया।
Timeline of Evolution:
वर्ष | बदलाव |
🔹 1970s | सिर्फ “NRI Account” चलता था |
🔹 1981 | पहली बार NRE Account शुरू किया गया (विदेशी कमाई के लिए) |
🔹 1990 | NRO Account को अलग किया गया (भारत में कमाई के लिए) |
🔹 1999 | FEMA Act लागू – और NRE/NRO को पूरी तरह से defined किया गया |
🔹 2000s के बाद | बैंकिंग सिस्टम पूरी तरह NRE/NRO शब्दावली पर शिफ्ट हुआ |
उस समय (1970s–80s) Differentiation कैसे होता था?
जब नाम NRI Account ही होता था, तब अंदर की चीजों से पहचान करते थे:
पहचान का तरीका | कैसे पहचाना जाता था |
अकाउंट खुलवाते समय Declaration | कस्टमर को फॉर्म में बताना होता था कि पैसा कहां से आएगा |
बैंक पासबुक में Coding | बैंक “Foreign Source” या “Local Source” जैसे शब्द इस्तेमाल करते थे |
RBI को रिपोर्टिंग | बैंक हर ट्रांजैक्शन की रिपोर्ट RBI को देता था – बाहर से आया या भारत से |
अकाउंट टाइप (FD/Current) के साथ Notes | अकाउंट पर “Repatriable” या “Non-Repatriable” लिखा जाता था |
क्यों जरूरी था NRE/NRO नाम बदलना?
वजह | समझ |
🔍 पारदर्शिता | बैंक, ग्राहक और सरकार को क्लियर हो कौन सा पैसा है |
💼 टैक्स प्रबंधन | टैक्स फ्री और टैक्सेबल इनकम को अलग किया जा सके |
🌍 अंतरराष्ट्रीय मानकों से मेल | बाकी देशों में भी External/Internal account सिस्टम था |
🔐 फेमा कानून लागू होने के बाद | हर ट्रांजैक्शन को कैटेगरी में बांटना जरूरी हो गया |
एक ही NRI दो अकाउंट क्यों रखे?
जैसे, विदेश से सैलरी आती है → NRE अकाउंट, भारत में किराए की इनकम है → NRO अकाउंट
अगर दोनों को एक ही “NRI Account” में मिलाएं, तो:
- टैक्स गड़बड़ हो जाएगा
- रेगुलेशन क्लियर नहीं रहेगा
- विदेश भेजने की लिमिट भी unclear होगी
🧾 निष्कर्ष (Summary):
सवाल | जवाब |
पहले सिर्फ “NRI Account” होता था? | ✅ हाँ, 1980s तक |
Differentiation कैसे होता था? | डिक्लेरेशन, बैंक नोट्स, RBI रिपोर्टिंग |
NRE/NRO नाम कब और क्यों आए? | 1981 (NRE), 1990 (NRO), ताकि Source और Rules क्लियर हों |
आज “NRI Account” शब्द क्यों नहीं इस्तेमाल होता? | क्योंकि वह बहुत General है – टैक्स/पैसा/लॉ सब unclear हो जाता है |
“अगर कोई व्यक्ति अब भारत का नागरिक नहीं है (i.e. विदेशी नागरिक बन गया है), लेकिन उसका जन्म या मूल भारत से है, तो क्या वह भारत में बैंक अकाउंट खोल सकता है?”
हां, खोल सकता है — लेकिन कुछ शर्तों और नियमों के तहत। कोई ऐसा व्यक्ति:
- जो अब India का नागरिक नहीं है
- उसने USA, Canada, UK, etc. की citizenship ले ली है
- लेकिन उसका जन्म भारत में हुआ था या माता–पिता भारत के हैं
ऐसे लोग OCI (Overseas Citizen of India) या PIO (Person of Indian Origin) कहलाते हैं।
🛂 Status Breakdown:
प्रकार | मतलब |
NRI | भारतीय नागरिक जो विदेश में रहता है |
OCI | भारत का मूल लेकिन विदेशी नागरिकता (example: Indian origin but USA citizen) |
PIO (अब OCI में मर्ज) | Indian origin, foreign citizen (older term) |
Foreign National | न भारत का नागरिक, न OCI, न PIO – पूरी तरह विदेशी |
क्या विदेशी नागरिक (Indian origin) भारत में बैंक अकाउंट खोल सकता है?
🔸 उत्तर: हाँ, लेकिन टाइप के आधार पर अलग–अलग नियम हैं।
1. OCI / PIO कार्डधारक (Indian origin, foreign citizen):
क्या कर सकते हैं?
काम | अनुमति |
🔹 NRE Account खोलना | ✅ हाँ (अगर विदेश में रहते हैं) |
🔹 NRO Account खोलना | ✅ हाँ |
🔹 FCNR Account खोलना | ✅ हाँ |
🔹 Fixed Deposit | ✅ Allowed |
🔹 Property खरीदना (except agricultural) | ✅ Allowed |
🔹 Mutual Funds, Stock Market में निवेश | ✅ Allowed under Portfolio Investment Scheme (PIS) |
इन सभी मामलों में FEMA नियम लागू होते हैं, और बैंक को OCI कार्ड, Passport, Visa, भारतीय मूल का प्रमाण देना होता है।
2. Completely Foreign Citizen (non-OCI):
अगर व्यक्ति, न तो भारत का नागरिक है और न ही उसके पास OCI कार्ड है तो वो व्यक्ति भारत में रेगुलर सेविंग अकाउंट नहीं खोल सकता। लेकिन…
वो क्या कर सकता है?
अकाउंट टाइप | अनुमति |
🔹 Special Non-Resident Rupee Account (SNRR) | ✅ कुछ मामलों में Allowed (like business, investment) |
🔹 Non-resident Non-repatriable (NR-NR) Account | ✅ पुराने निवेश के लिए (legacy) |
मगर, ये अकाउंट general purpose saving या salary के लिए नहीं होते। ये स्पेशल परपज़ के होते हैं (जैसे foreign investment in India)
जरूरी डॉक्युमेंट्स – अगर व्यक्ति OCI है:
- Foreign Passport (with valid visa or OCI mention)
- OCI Card / OCI Reference Number
- भारत से जुड़ी पहचान (जैसे जन्म प्रमाण पत्र, माता-पिता का विवरण)
- Overseas Address Proof
- बैंक के KYC फॉर्म + फोटो
RBI और FEMA क्या कहते हैं?
FEMA के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो भारत का नागरिक नहीं है लेकिन भारत से मूल संबंध रखता है, वह NRE/NRO अकाउंट खोल सकता है – अगर वो NRI या OCI स्टेटस में है।
RBI की Master Direction – “Deposits by Non-Residents” के तहत ये सब Allow किया गया है।
निष्कर्ष (Summary Table):
व्यक्ति का स्टेटस | बैंक अकाउंट ओपन कर सकता है? | कौन सा अकाउंट? |
भारतीय नागरिक, विदेश में रहता है | ✅ हाँ | NRE, NRO, FCNR |
विदेशी नागरिक + OCI कार्ड | ✅ हाँ | NRE, NRO, FCNR |
विदेशी नागरिक + No OCI | ❌ नहीं (Regular अकाउंट) | सिर्फ Special Accounts with RBI Approval |
पूरी तरह विदेशी व्यक्ति (no India connection) | ❌ Allowed नहीं (Saving purpose के लिए) | ❌ |
Extra Knowledge:
- NRE Account सिर्फ तभी खोला जा सकता है जब व्यक्ति भारत से बाहर रहता हो और विदेशी कमाई से फंड भेजता हो
- NRO Account भारत में आमदनी को संभालने के लिए होता है
- यदि आप OCI हैं लेकिन भारत में रह रहे हैं, तो Resident Account खोलने के लिए RBI से special permission की जरूरत होती है
“क्या एक श्रीलंकाई नागरिक (जिसका भारत से कोई संबंध नहीं है – न NRI, न OCI, न PIO) भारत में NRO अकाउंट खोल सकता है?”
हाँ, श्रीलंकाई नागरिक NRO अकाउंट खोल सकता है, लेकिन कुछ शर्तों और नियमों के साथ
चूंकि NRO Account एक ऐसा अकाउंट जो भारत में Non-Resident (NR) व्यक्ति की भारत में होने वाली आय (जैसे किराया, डिविडेंड, पेंशन, ब्याज) को रखने के लिए खोला जाता है। यानी इसका संबंध भारत की स्थानीय (Indian Source) आमदनी से होता है — ना कि आपके Indian origin से।
तो मूल प्रश्न ये बनता है कि “क्या कोई ऐसा व्यक्ति जो भारतीय मूल का नहीं है, फिर भी भारत में NRO अकाउंट खोल सकता है?“
उत्तर: हाँ, कर सकता है — अगर वह भारत में “Non-Resident” है और उसे भारत में कोई आय (income) हो रही है।
उदाहरण:
- श्रीलंकाई नागरिक ने भारत में प्रॉपर्टी खरीदी थी (when resident) और अब वह विदेश में बस गया है — उसे किराया मिल रहा है
- श्रीलंकाई कंपनी ने भारत में इनवेस्ट किया और डिविडेंड मिल रहा है
- कोई स्टूडेंट भारत में पढ़ाई के बाद विदेश चला गया और पुरानी FD चल रही है
ऐसी स्थिति में — भले ही व्यक्ति Indian origin न हो, फिर भी वह भारत में NRO अकाउंट खोल सकता है, ताकि:
- भारतीय स्रोत की इनकम उसमें जमा हो
- टैक्स डिडक्शन (TDS) हो
- पैसे को मॉनिटर किया जा सके
RBI और FEMA की क्या अनुमति है?
RBI की Master Direction – “Deposits by Non-Residents” कहती है:
Any person resident outside India, whether of Indian origin or not, may open an NRO Account to receive and manage income earned in India.
यानी “Indian origin” होना ज़रूरी नहीं है।
जरूरी शर्तें (For Non-Indian Foreign Nationals like Sri Lankan):
शर्त | विवरण |
व्यक्ति भारत में Non-Resident होना चाहिए | यानी वह भारत में 183 दिन से कम रहता हो |
भारतीय स्रोत से आय होनी चाहिए | जैसे – किराया, ब्याज, पेंशन, या बिजनेस इनकम |
वैध पासपोर्ट + वीज़ा होना चाहिए | बैंक को KYC में देना होगा |
NRO अकाउंट INR (Indian Rupee) में चलता है | विदेशी मुद्रा नहीं |
पैसे की Repatriation लिमिट है | $1 million/year (with proper docs, CA certificate etc.) |
टैक्स लागू होगा | ब्याज पर 30% TDS + surcharge + cess |
ज़रूरी डॉक्युमेंट्स – (For Sri Lankan or Any Foreign National)
- वैध पासपोर्ट (with photo & signature page)
- वैध Indian वीज़ा (Tourist, Business, Student, etc.)
- विदेशी पते का प्रमाण (utility bill, bank statement)
- भारत में आय का स्रोत (अगर हो – rent deed, dividend slip, etc.)
- FATCA Declaration
- PAN कार्ड (या फॉर्म 60, यदि PAN नहीं है)
किन चीज़ों की अनुमति नहीं होगी?
क्रिया | अनुमति |
NRE Account खोलना | ❌ नहीं – क्योंकि Indian origin नहीं है |
बिना Indian income के NRO खोलना | ❌ नहीं – मकसद जरूरी है |
Agricultural land खरीदना | ❌ नहीं – किसी विदेशी को अनुमति नहीं है (OCI को भी नहीं) |
निष्कर्ष (Summary):
सवाल | जवाब |
श्रीलंकाई नागरिक NRO अकाउंट खोल सकता है? | ✅ हाँ, अगर भारत में इनकम है |
Indian origin होना जरूरी है? | ❌ नहीं |
टैक्स लागू होता है? | ✅ हाँ, 30% TDS |
Repatriation Allowed है? | ✅ $1 million/year तक, CA certificate के साथ |
कौन सा अकाउंट नहीं खोल सकता? | ❌ NRE, FCNR – ये सिर्फ NRI/OCI के लिए |
NRE और NRO अकाउंट में कौन-कौन से ट्रांज़ेक्शन Allowed होते हैं, कौन से नहीं होते,
Allowed Transactions in NRE Account
क्रेडिट (Credit/जमा) Transactions:
स्रोत | Allowed? | विवरण |
✅ विदेशी बैंक से पैसा भेजना (Remittance) | ✔️ Allowed | विदेश की कमाई को SWIFT/NEFT के जरिए भेज सकते हैं |
✅ NRI द्वारा जमा किया गया चेक (Foreign currency cheque) | ✔️ Allowed | खुद के नाम का |
✅ विदेशी क्रेडिट कार्ड से ट्रांसफर | ✔️ Allowed | जैसे Wise, Revolut, Western Union से |
✅ अन्य NRE अकाउंट से ट्रांसफर | ✔️ Allowed | एक NRI से दूसरे NRI को |
✅ भारत में ब्याज की इनकम (FD से) | ✔️ Allowed | ब्याज भी टैक्स फ्री रहता है |
✅ भारत में टैक्स रिफंड (अगर NRI हैं) | ✔️ Allowed | लेकिन Indian income NRO में जानी चाहिए ideally |
डेबिट (Debit/निकासी) Transactions:
खर्च | Allowed? | विवरण |
✅ भारत में परिवार को भेजना | ✔️ Allowed | INR में भेज सकते हैं |
✅ भारत में प्रॉपर्टी खरीदना | ✔️ Allowed | Allowed under FEMA |
✅ भारत में खर्च करना (ATM, POS) | ✔️ Allowed | INR में निकासी या खरीदारी |
✅ बाहर पैसा भेजना (Repatriation) | ✔️ Allowed | पूरी राशि भेज सकते हैं |
✅ भारत में Loan Repayment | ✔️ Allowed | NRI के नाम पर लिए गए लोन के लिए |
✅ Mutual Funds, Shares खरीदना | ✔️ Allowed | PIS Scheme के तहत |
Not Allowed in NRE Account
ट्रांज़ेक्शन | क्यों मना है? |
भारत से कमाई डालना (rent, salary in India) | ❌ Indian income सिर्फ NRO में |
किसी भारतीय व्यक्ति द्वारा पैसा डालना | ❌ Third-party resident deposit not allowed |
Joint account with resident Indian (other than close relative) | ❌ सिर्फ Spouse/parents/children allowed |
Cash deposit in INR | ❌ नहीं – सिर्फ foreign source allowed |
Allowed Transactions in NRO Account
क्रेडिट (Credit) Transactions:
स्रोत | Allowed? | विवरण |
✅ भारत में किराया (rent) | ✔️ Allowed | प्रॉपर्टी का इनकम |
✅ FD का ब्याज | ✔️ Allowed | taxable under TDS |
✅ डिविडेंड, म्यूचुअल फंड redemption | ✔️ Allowed | SEBI regulated sources |
✅ भारत में बैंक अकाउंट से ट्रांसफर | ✔️ Allowed | किसी भी इंडियन अकाउंट से |
✅ भारत में Salary (अगर source Indian company है) | ✔️ Allowed | Employer को RBI नियम फॉलो करने होंगे |
✅ NRE से ट्रांसफर | ✔️ Allowed | Allowed है |
✅ कोई भारतीय व्यक्ति पैसा ट्रांसफर करे | ✔️ Allowed | Family support, gift, आदि के रूप में |
डेबिट (Debit/निकासी) Transactions:
खर्च | Allowed? | विवरण |
✅ भारत में भुगतान (रेंट, खर्च आदि) | ✔️ Allowed | |
✅ NRI परिवार/रिश्तेदार को पैसे भेजना | ✔️ Allowed | |
✅ Repatriation (बाहर पैसा भेजना) | ✔️ Allowed up to $1 million/year (with CA Form 15CB/15CA) | |
✅ Tax payment in India | ✔️ Allowed | |
✅ Donation, investment in India | ✔️ Allowed with RBI norms | |
✅ Loan repayment (in India) | ✔️ Allowed |
Not Allowed in NRO Account
ट्रांज़ेक्शन | क्यों मना है? |
बिना दस्तावेज़ के Repatriation | ❌ CA certificate जरूरी |
Foreign income डालना | ❌ विदेश से पैसा NRO में नहीं, NRE में जाना चाहिए |
Tax-free interest | ❌ ब्याज taxable होता है (30% + surcharge) |
पूरी रकम repatriate | ❌ लिमिट $1 million/year (with documents) |
NRE vs NRO – Allowed Transactions: Comparison Chart
ट्रांज़ेक्शन | NRE | NRO |
विदेश से पैसा भेजना | ✅ Allowed | ❌ Not preferred |
भारत से कमाई (rent, salary, dividend) | ❌ Not Allowed | ✅ Allowed |
भारत में खर्च | ✅ Allowed | ✅ Allowed |
भारत में निवेश (MF/Shares) | ✅ Allowed | ✅ Allowed |
ब्याज पर टैक्स | ❌ No | ✅ Yes (30% TDS) |
पैसा विदेश भेजना | ✅ पूरी रकम | ✅ $1 million/year with docs |
Family deposit in account | ❌ नहीं | ✅ Allowed |
INR cash deposit | ❌ नहीं | ✅ Allowed |
Extra Practical Points:
✅ NRE से NRO में ट्रांसफर Allowed है
❌ लेकिन NRO से NRE में ट्रांसफर तभी जब source और टैक्स डॉक्युमेंट क्लियर हों
✅ NRO अकाउंट joint हो सकता है Indian resident के साथ
❌ NRE joint नहीं हो सकता अगर relation close नहीं है
✅ NRO से किसी को gift देना भी Allowed है (under LRS & FEMA)
“अगर कोई भारतीय विदेश से कमाई कर रहा है (जैसे freelancer, YouTube, Upwork, etc.), तो वो कमाई सीधे भारत के सेविंग्स अकाउंट में मंगवा ले — फिर विदेश में NRO-जैसा अकाउंट क्यों खोले?”
भारत में ही पैसा लाना VS विदेश में अकाउंट खोलना (NRO-जैसा)
विकल्प | 1. सीधा भारत के सेविंग्स अकाउंट में पैसा | 2. पहले विदेशी अकाउंट में पैसा, फिर भारत |
सेटअप | आसान | थोड़ा जटिल (Payoneer, Wise, Revolut, Mercury, आदि) |
टैक्स | पूरा ट्रैक होता है | थोड़ा planning possible |
पेमेंट गेटवे सपोर्ट | कभी-कभी मुश्किल (PayPal issues etc.) | ज़्यादा payment methods |
Refunds/chargebacks | India में मुश्किल | Foreign wallets manage better |
Foreign currency hold | ❌ नहीं कर सकते | ✅ कर सकते हैं |
Exchange rate | बैंक तय करता है (कम favorable) | कुछ wallets बेहतर rates देते हैं |
Documentation | सरल (PAN, बैंक डिटेल्स) | KYC, विदेश regulation |
Reputation for clients | कभी local payments नहीं possible | Client के लिए प्रोफेशनल और आसान |
अब जानते हैं – Foreign (NRO-like) अकाउंट क्यों खोलना फायदेमंद होता है:
1️. Client Perspective – International Clients trust foreign payment systems
कारण | समझ |
Client को भारत में पैसा भेजना झंझट वाला लगता है | SWIFT, IBAN, GST, invoice आदि |
Freelance platforms (Upwork, Fiverr) payout सिर्फ Payoneer या Wise में करते हैं | भारत के बैंक खाते में डायरेक्ट नहीं |
International refunds या disputes foreign system में आसान होते हैं | Indian bank में manually करना पड़ता है |
2️. Currency Flexibility – Foreign currency hold करना
मान लीजिए आपने 500 USD कमाए ,
अगर आपने पैसा सीधे भारत मंगवा लिया, तो:
- वो INR में convert हो जाएगा तुरंत
- और RBI के अनुसार तुरंत taxable income हो जाएगी
लेकिन अगर आपने:
- पैसा Payoneer, Wise, Revolut, Mercury जैसे wallet में hold किया
- और बाद में INR में convert किया जब rate अच्छा था
- तो आपको currency control और flexibility मिलेगी
3️. Bank Charges + Conversion Rate
भारत में डायरेक्ट लाने पर | विदेश में रखने के बाद लाने पर |
बैंक auto conversion करता है | आप manual control रखते हैं |
Conversion rate कम favorable होता है | Wise या Revolut बेहतर rate देते हैं |
Hidden SWIFT fee लगती है | Wallets में cheaper या zero fee |
4️. Tax Planning & Proof Management
पक्ष | फायदा |
विदेशी अकाउंट में पैसा आने पर आप Freelance Invoice attach कर सकते हैं | Exports माने जाते हैं |
आप ITR में foreign asset declare कर सकते हैं (Schedule FA) | Transparent and legal |
पैसे को भारत late लाकर FY wise income manage कर सकते हैं (for slab benefit) | Strategic Tax Planning |
5. Compliance with FEMA & Export Rulesअगर आप foreign client से service या content के बदले payment ले रहे हैं —
तो ये technically “Export of Service” होता है जिसे RBI चाहता है कि आप proper export invoice, forex channel से लाएं और Payoneer, Wise, Mercury आदि उसी से जुड़े हैं.
तब कब सीधा भारत में पैसा मंगाना ठीक है?
स्थिति | तब करें |
पैसा बहुत कम है (1-2K INR प्रति माह) | डायरेक्ट भारत लाना |
Client भारतीय है | भारत के बैंक अकाउंट में transfer |
आप compliance नहीं maintain कर सकते | आसान route चुनें |
कभी-कभी payment आ रहा है | फुल foreign wallet setup ज़रूरी नहीं |
निष्कर्ष: क्या बेहतर?
आपकी प्रोफाइल | सुझाव |
Serious freelancer/YouTuber with $500+/month income | Foreign wallet में पैसा hold करना, फिर India |
Small/occasional payments | डायरेक्ट सेविंग्स अकाउंट में |
Tax management, dollar hold, flexibility चाहिए | Foreign wallet best |
सिर्फ Indian clients से पैसा आता है | Foreign account की जरूरत नहीं |
“क्या NRE अकाउंट में हम विदेशी मुद्रा (foreign currency) को कैश के रूप में जमा कर सकते हैं?
हाँ, जमा की जा सकती है — लेकिन कुछ शर्तों के साथ
आप विदेशी करेंसी को कैश में जमा कर सकते हैं:
- यदि आप भारत में आए हैं (जैसे छुट्टी पर)
- और अपने साथ foreign currency cash लेकर आए हैं
- तो आप उसे Authorized Dealer Bank (AD-I) या बैंक की NRI शाखा में जाकर NRE अकाउंट में जमा कर सकते हैं
RBI क्या कहता है?
FEMA के अनुसार, आप भारत में विदेशी मुद्रा में नकद (cash in foreign currency) $250,000 तक ला सकते हैं और
उनमें से $5,000 (या equivalent) तक की राशि को कैश के रूप में सीधे जमा किया जा सकता है
उससे अधिक राशि के लिए आपको Currency Declaration Form (CDF) दिखाना होगा (जो एयरपोर्ट पर भरवाया जाता है)
बहुत ज़रूरी बातें (Limitations):
बिंदु | नियम |
Currency cash कितना ला सकते हैं? | $250,000 तक, पर $5,000 से ऊपर पर CDF ज़रूरी |
बैंक में कितना जमा कर सकते हैं? | $5,000 तक कैश – बिना CDF के |
इससे ज़्यादा की foreign cash जमा | Allowed है, लेकिन CDF देना होगा |
NRE में जमा करने पर | बैंक उसे INR में convert करके ही जमा करेगा |
KYC जरूरी? | हाँ – पासपोर्ट, वीज़ा, एंट्री स्टैंप आदि |
क्या NRE में सिर्फ उसी देश की करेंसी जमा कर सकते हैं जहाँ आप रहते हैं?
नहीं, ऐसा ज़रूरी नहीं है — आप किसी भी विदेशी करेंसी में कैश जमा कर सकते हैं (कुछ शर्तों के साथ) |
उदाहरण:
स्थिति | Allowed? |
आप अमेरिका में रहते हैं, और USD कैश लाए | Allowed |
आप दुबई में रहते हैं, लेकिन Euro कैश लाए | Allowed |
आप UK में रहते हैं, लेकिन Japan trip से JPY लाए | Allowed |
आप China से RMB (Yuan) लाए | Allowed (यदि convertible करेंसी हो) |
किन करेंसी में जमा Allowed नहीं है?
- कुछ देश की करेंसी RBI द्वारा “non-convertible” मानी जाती है (जैसे North Korea, Iran, etc.)
- ऐसी करेंसी आप जमा नहीं कर सकते
- RBI की List of Freely Convertible Foreign Currencies मान्य होती है (जैसे: USD, GBP, EUR, JPY, AUD, CAD, CHF, etc.)
📋 NRE में Cash Deposit करने का Step-by-Step तरीका (अगर आप इंडिया में हैं):
Step | विवरण |
1 | अपने पास foreign currency cash रखें (up to $5,000 without CDF) |
2 | नज़दीकी AD बैंक शाखा में जाएं (जैसे SBI NRI Branch, HDFC, ICICI) |
3 | NRE अकाउंट डिटेल दें और deposit request करें |
4 | पासपोर्ट, वीज़ा, एंट्री स्टैंप, और PAN दिखाएं (KYC) |
5 | बैंक उस currency को INR में convert करेगा और आपके NRE अकाउंट में जमा करेगा |
6 | बैंक receipt देगा और entry पासबुक/online दिखेगी |
भाग 1: NRE अकाउंट से जुड़े सवाल
Q1. NRE अकाउंट क्या होता है?
Non-Resident External अकाउंट जिसमें विदेश से भारत भेजा गया पैसा जमा होता है।
Q2. NRE अकाउंट कौन खोल सकता है?
कोई भी भारतीय जो विदेश में रह रहा है और NRI स्टेटस रखता है।
Q3. क्या NRE अकाउंट में भारत की कमाई जमा कर सकते हैं?
नहीं, केवल विदेशी कमाई ही Allowed है।
Q4. NRE अकाउंट में पैसा कौन-सी मुद्रा में जमा होता है?
विदेशी मुद्रा को कन्वर्ट कर भारतीय रुपयों में।
Q5. क्या NRE अकाउंट टैक्स फ्री होता है?
हां, Principal और ब्याज दोनों टैक्स फ्री हैं।
Q6. क्या NRE अकाउंट से पैसा विदेश भेजा जा सकता है?
हां, 100% Repatriable है।
Q7. क्या NRE अकाउंट कोई Indian resident खोल सकता है?
नहीं, केवल NRI ही खोल सकता है।
Q8. क्या NRE अकाउंट से FD बनाई जा सकती है?
हां, NRE FD खोल सकते हैं।
Q9. NRE अकाउंट में ब्याज दर कितनी होती है?
बैंक पर निर्भर करता है, SBI: ~6.5%, HDFC: ~7% (2025)।
Q10. क्या NRE अकाउंट में UPI चलता है?
कुछ बैंकों में अब सपोर्ट मिल रहा है, पर सभी में नहीं।
भाग 2: NRO अकाउंट से जुड़े सवाल
Q11. NRO अकाउंट क्या होता है?
Non-Resident Ordinary अकाउंट जिसमें भारत की कमाई जमा की जाती है।
Q12. कौन-कौन सी इनकम NRO अकाउंट में जमा हो सकती है?
किराया, FD का ब्याज, पेंशन, डिविडेंड आदि।
Q13. क्या NRO अकाउंट टैक्सेबल होता है?
हां, ब्याज पर 30% + surcharge + cess लगता है।
Q14. NRO अकाउंट से कितना पैसा विदेश भेज सकते हैं?
$1 million प्रति वर्ष तक Repatriation Allowed है।
Q15. क्या NRO अकाउंट में भारतीय रुपए ही होते हैं?
हां, केवल INR में।
Q16. क्या NRO अकाउंट Joint Account हो सकता है?
हां, NRI + Resident Indian के साथ भी Allowed है।
Q17. क्या NRO अकाउंट में भी FD बन सकती है?
हां, NRO FD उपलब्ध है।
Q18. क्या TDS से बचा जा सकता है?
हां, 15G/15H या DTAA के तहत क्लेम किया जा सकता है।
Q19. क्या NRO अकाउंट में NRE से पैसा ट्रांसफर किया जा सकता है?
हां, Allowed है।
Q20. क्या NRO अकाउंट से NRE में पैसा भेजा जा सकता है?
आम तौर पर नहीं।
भाग 3: NRI स्टेटस और 183 दिन का नियम
Q21. NRI किसे कहते हैं?
जो व्यक्ति भारत से बाहर 183 दिन से अधिक रहे या जिसका मकसद भारत में स्थायी रूप से न रहना हो।
Q22. 183 दिन का नियम क्या है?
एक वित्तीय वर्ष में 183 दिन भारत में रहने से आप Resident माने जाते हैं।
Q23. FEMA के अनुसार NRI की परिभाषा क्या है?
व्यक्ति विदेश गया हो और वापस आने का इरादा न हो।
Q24. Income Tax Act के अनुसार NRI की परिभाषा क्या है?
भारत में 183 दिन से कम रहने वाला या पिछले 4 साल में 365+ दिन और इस साल 60+ दिन वाला नहीं।
Q25. 183 ही क्यों?
क्योंकि ये एक साल (365 दिन) का आधा (182.5 दिन) से ज़्यादा है।
भाग 4: टैक्सेशन और निवेश से जुड़े सवाल
Q26. क्या NRE FD पर टैक्स लगता है?
नहीं, टैक्स फ्री है।
Q27. क्या NRO FD पर टैक्स लगता है?
हां, 30% + surcharge + cess।
Q28. क्या DTAA के तहत टैक्स रिफंड लिया जा सकता है?
हां, अगर आपने दूसरे देश में टैक्स दिया है।
Q29. क्या Mutual Funds में NRE से निवेश किया जा सकता है?
हां, लेकिन बैंक और फंड पर निर्भर करता है।
Q30. क्या NRO अकाउंट से India में शेयर खरीद सकते हैं?
हां, PIS (Portfolio Investment Scheme) के तहत।
भाग 5: अकाउंट ओपनिंग और डॉक्युमेंटेशन
Q31. NRE/NRO अकाउंट खोलने के लिए क्या चाहिए?
पासपोर्ट, PAN कार्ड, फोटो, विदेशी पता, NRI declaration।
Q32. क्या अकाउंट ऑनलाइन खोला जा सकता है?
हां, कई बैंक यह सुविधा देते हैं।
Q33. बैंक कौन-कौन से NRE/NRO अकाउंट देते हैं?
SBI, HDFC, ICICI, Axis, Kotak आदि।
Q34. कौन-सा बैंक NRE में ज्यादा ब्याज देता है?
समय अनुसार बदलता है, HDFC/SBI 6.5–7% तक देते हैं।
Q35. क्या अकाउंट खोलने के लिए भारत आना ज़रूरी है?
नहीं, विदेश से भी KYC के साथ खोल सकते हैं।
भाग 6: रोजमर्रा के उपयोग से जुड़े सवाल
Q36. क्या NRE/NRO अकाउंट में ATM कार्ड मिलता है?
हां, बैंक डेबिट कार्ड देते हैं।
Q37. क्या भारत में रहते हुए भी इन अकाउंट का उपयोग कर सकते हैं?
हां, लेकिन Status सही होना चाहिए।
Q38. क्या UPI से लिंक किया जा सकता है?
कुछ बैंकों में संभव है, जैसे ICICI, Kotak आदि।
Q39. क्या Paytm/PhonePe से लिंक किया जा सकता है?
कुछ लिमिटेड सपोर्ट है।
Q40. क्या इन अकाउंट्स से लोन लिया जा सकता है?
हां, NRE/NRO पर FD के बदले लोन मिलता है।
भाग 7: विशेष स्थितियाँ और फायदे
Q41. अगर मैं वापस भारत शिफ्ट हो जाऊं तो क्या होगा?
अकाउंट को Resident Account में कन्वर्ट करना होगा।
Q42. क्या एक ही समय में NRE और NRO दोनों अकाउंट रख सकते हैं?
हां, दोनों अलग-अलग उपयोग के लिए होते हैं।
Q43. क्या इनमें Internet Banking मिलता है?
हां, सभी प्रमुख बैंक यह सुविधा देते हैं।
Q44. क्या Aadhaar अनिवार्य है?
नहीं, NRI के लिए Aadhaar अनिवार्य नहीं है।
Q45. क्या इन अकाउंट्स पर Nominee बना सकते हैं?
हां।
NRE और NRO खाते आज उन लाखों भारतीयों के लिए भारत से जुड़ाव के स्रोत हैं। NRE खाते में वे अपनी विदेश में खून-पसीने से की हुई कमाई आसानी से भेज सकते हैं, और NRO खाते में वे अपने देश से होने वाली कमाई रखकर पहले से चले आ रहे आर्थिक लेन-देन को जारी रख सकते हैं।
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बैंकिंग इंडस्ट्री में 10 वर्षों का अनुभव रखने के साथ मैं पत्रकारिता और विचारों की दुनिया में सक्रिय हूँ। फेसबुक पर मैं नियमित रूप से लिखता हूँ, जहाँ 10,000 से अधिक पाठक मेरे विचारों से जुड़े रहते हैं। यह वेबसाइट मेरा स्वतंत्र मंच है, जहाँ मैं भारत और दुनिया से जुड़ी अहम अंतरराष्ट्रीय खबरों को अपने दृष्टिकोण, गहराई और ईमानदारी के साथ पेश करता हूँ। मेरे लेख सिर्फ रिपोर्ट नहीं होते, बल्कि सोच को जागरूक करने वाले विश्लेषण होते हैं — जो रिसर्च पर आधारित होते हैं और खबर के पीछे की सच्चाई को सामने लाते हैं।
With 10 years of experience in the banking industry, I am now actively engaged in the world of journalism and ideas. I actively write on Facebook where over 10,000 readers regularly engage with my thoughts and updates. This website is my independent platform where I cover important global stories connected to India — told in my own voice, with depth, honesty, and clarity. Every article here is more than a report — it’s a carefully written perspective, backed by research and driven by the need to understand, not just inform.
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